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Monday, January 12, 2015

Benaam Sa Ye Dard - Lyrics & Translation _Ghazal_Jagjit Singh


Lyrics 

Benaam saa ye dard thhahar kyon naheen jaataa 
Jo beet gayaa hain wo guzar kyon naheen jaataa 

Sabkuchh hai kyaa dhoondhtee rahtee hain nigaahen 
Kyaa baat hai main wakt pe ghar kyon naheen jaataa 

Wo ek hee chehraa to naheen saare jahaaan mein 
Jo dur hain wo dil se utar kyon naheen jaataa 

Mai apnee hee uljhee hui raahon kaa tamaashaa 
Jaate hain jidhar sab main udhar kyon naheen jaataa 

Wo naam jo barson se, naa cheharaa naa badan hain 
Wo khwaab agar hain to bikhar kyon naheen jaataa 

बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यों नही जाता, 
जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नही जाता।। 

सब कुछ तो है क्या ढूंढती हैं ये निगाहें, 
क्या बात है मैं वक्त पे घर क्यों नहीं जाता।। 

वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे जहां मे, 
जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नही जाता।। 

मैं अपनी ही उलझी हुई राहों का तमाशा, 
जाते हैं जिधर सब मैं उधर क्यों नहीं जाता।। 

वो नाम जो बरसो से ना चेहरा ना बदन है, 
वो ख्वाब अगर है तो बिखर क्यों नहीं जाता।। 


Lyrics-Nida Fazli 
Music-Jagjit Singh 
Singer-Jagjit Singh 

Translation 

Why this unknown pain doesn't stop-I wonder. 
Why what is already past doesn't pass-I wonder 

Everything is fine yet the eyes look for someone. 
What is the matter that I do not reach home on time-I wonder. 

Her's is not the only face in this entire universe. 
What is far why it doesn't moves afar-I wonder. 

I am a ridicule of my own entangled ways. 
Where everyone goes, why I don't-I wonder. 

Its a mere name since years, has neither a body nor a face. 
If its a dream then why it doesn't shatter-I wonder. 

© Translation in English by Deepankar Choudhury. 

Translation. 

অজানার মতন এই ব্যাথা থামেনা কেন 
যা চুকে গেছে তা পেরিয়ে যায়ে না কেন।। 

সবকিছু আছে তবুও কি যেন খোঁজে দৃষ্টি 
কি ব্যাপার আমি সময়ে বাড়ি ফিরিনা কেন।। 

সে তো একমাত্র চেহারা নয় এই দুনিয়াতে 
যে দূরে সে মন থেকে দূর হয়না কেন।। 

আমি নিজেরই পথের এক খেলা হয়ে গেছি 
সবাই যেখানে যায়ে আমি যাইনা কেন।। 

সে শুধু নাম কয়েক বছর ধরে, না মুখ না শরীর কোন 
সে যদি স্বপন হয়ে থাকে তাহলে ভেঙ্গে টুকরো হয়েনা কেন।। 

© Translation in Bengali by Deepankar Choudhury.

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