Lyrics
Tumse bichhad kar tumko bhulana Mumkin hai aasaan nahi
Deewane dil ko samjhana Mumkin hai aasaan nahi
Sadiyon se rasm hai zaari, Zurm hai duniya me dildari
Aisi duniya se takrana Mumkin hai aasaan nahi
Chahat par pabandi kyu hai Duniya itni andhi kyu hai
Andhon mei andha ban jana Mumkin hai aasaan nahi
Kashti yunhi chalegi kab tak, Ulti Ganga behegi kab tak
Khoye huey ko phir se paana Mumkin hai aasaan nahi
Tere mere beech ki doori Kyu dono ki hai majboori
Doori ki deewar girana Mumkin hai aasaan nahi
तुमसे बिछड़कर तुमको भुलाना, मुमकिन हैं आसान नहीं
दीवाने दिल को समझाना, मुमकिन हैं आसान नहीं
सदियोंसे ये रस्म हैं जारी, जुर्म हैं दुनियाँ में दिलदारी
ऐसी दुनियाँ से टकराना, मुमकिन हैं आसान नहीं
चाहत पर पाबंदी क्यों हैं, दुनियाँ इतनी अंधी क्यों हैं
अंधों में अंधा बन जाना, मुमकिन हैं आसान नहीं
कश्ती यूँ ही चलेगी कब तक, उलटी गंगा बहेगी कब तक
खोये हुये को फिर से पाना, मुमकिन हैं आसान नहीं
तेरे मेरे बीच की दूरी, क्यों दोनों की हैं मजबुरी,
दूरी की दीवार गिराना, मुमकिन हैं आसान नहीं
Lyrics :- Nida Fazli
Music:- Annujj Kappoo
Singer:- Jagjit Singh.
Movie:- Khap 2011
Translation
To forget you after parting, is possible but not easy.
To offer solace to this weird heart, is possible but not easy.
For centuries it is customary; crime is-loving heartily.
To challenge such a world, is possible but not easy.
Why there exists restriction on affection, why the world is filled with deception?
To become deceptive in world of deceptions, is possible but not easy.
How long such boat may float, for how long one may sail antithetically?
To reunite with people we lost, is possible but not easy.
Distances between you and me, why is this necessary?
To demolish the wall of distances, is possible but not easy.
© Translation in English by Deepankar Choudhury.
তোমার থেকে দূরে গিয়ে তোমায়ে ভুলে যাওয়া সম্ভব তবে সহজ নয়।
এই বাতুল মনকে বোঝানো সম্ভব তবে সহজ নয়।।
যুগ যুগ ধরে এই প্রথা চলে এসেছে, ভালবাসাকে অপরাধ বলে গণ্য করে এসেছে।
এই রকম দুনিয়া কে প্রতিদ্বন্দিতা করে হারানো সম্ভব তবে সহজ নয়।।
কেন ভালবাসার উপর এতো প্রতিবন্ধকতা, কেন দুনিয়াতে এতো অন্ধতা!
অন্ধের দেশে অন্ধ হওয়া সম্ভব তবে সহজ নয়।।
কতো দিন এইভাবে তরণী বইবে, কতো দিন উলটো গঙ্গা বইবে।
হারিয়ে যাওয়া মানুষদের দেখা পাওয়া সম্ভব তবে সহজ নয়।।
তোমার আমার এই দুর-অবস্থান, কেন এর এতো প্রয়োজন।
দুরত্বের এই দেওয়াল ভেঙ্গে ফেলা সম্ভব তবে সহজ নয়।।
© Translation in Bengali by Deepankar Choudhury.
P.S: This was last recorded Ghazal of music maestro Jagjit Singh.
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