Lyrics
Bazm-E-Dushman Mein Bulate Ho, Ye Kya Karte Ho,
Aur Phir Aankh Churate Ho, Ye Kya Karte Ho.
Baad Mein Phir Koi Mujhsa Milega Tum Ko,
Khak Me Kis Ko Milate Ho, Ye Kya Karte Ho.
Chhinte Paani Ke Na Do, Neend Bhari Aakho Par,
Soote Kitne Ko Jagate Ho, Ye Kya Karte Ho,
Hum To Dete Nahi, Kya Ye Bhi Zabardasti Hai,
Chheen Kar Dil Liye Jate Ho, Ye Kya Karte Ho.
Ho Na Jaye Kahi, Daman Ka Chhudana Mushkil,
Mujh Ko Diwana Banate Ho, Ye Kya Karte Ho
बज़्म-ए-दुश्मन में बुलाते हो ये क्या करते हो
और फिर आँख चुराते हो ये क्या करते हो
बाद मेरे कोई मुझ सा न मिलेगा तुम को
ख़ाक में किस को मिलाते हो ये क्या करते हो
छींटे पानी के न दो नींद भरी आँखों पर
सोते फ़ितने को जगाते हो ये क्या करते हो
हम तो देते नहीं कुछ ये भी ज़बरदस्ती है
छीन कर दिल लिए जाते हो ये क्या करते हो
हो न जाए कहीं दामन का छुड़ाना मुश्किल
मुझ को दीवाना बनाते हो ये क्या करते हो
Translation
You're inviting me to a party of enemies, what are you doing?
Then you are stealing your glances, what are you doing?
Will you meet anyone like me again,
That you are keen on killing me, what are you doing?
Do not sprinkle water on sleepy eyes.
You're awakening a revolt, what are you doing?
That I do not offer alms, its something like determination.
You snatch my heart away, what are you doing?
I fear that sometime to sever our ties might be difficult.
You make me crazy, What are you doing?
© Translation in English by Deepankar Choudhury.
Translation
শত্রুদের সভাতে ডেকেছ, এ তুমি কি করেছ!
আবার মুখ লুকাচ্ছ, এ তুমি কি করেছ!
আমার মতন আর কাউকে কি পাবে!
কেন আমায় মারতে চেয়েছ, এ তুমি কি করেছ!
ঘুমন্ত চোখে জলের ফোঁটা ছিটিয়োনা,
তুমি বিদ্রোহ কে জাগিয়ে তুলছ, এ তুমি কি করেছ!
আমি দিতে চাইনা, এ যেন এক সংকল্প,
তুমি আমার মন কেড়ে নিয়েছ, এ তুমি কি করেছ!
© Translation in Bengali by Deepankar Choudhury.
Full lyrics are as under.
बज़्म-ए-दुश्मन में बुलाते हो ये क्या करते हो
और फिर आँख चुराते हो ये क्या करते हो
बाद मेरे कोई मुझ सा न मिलेगा तुम को
ख़ाक में किस को मिलाते हो ये क्या करते हो
हम तो देते नहीं कुछ ये भी ज़बरदस्ती है
छीन कर दिल लिए जाते हो ये क्या करते हो
कर चुके बस मुझे पामाल अदू के आगे
क्यूँ मेरी ख़ाक उड़ाते हो ये क्या करते हो
छींटे पानी के न दो नींद भरी आँखों पर
सोते फ़ितने को जगाते हो ये क्या करते हो
हो न जाए कहीं दामन का छुड़ाना मुश्किल
मुझ को दीवाना बनाते हो ये क्या करते हो
मुहतसिब एक बला-नोश है ऐ पीर-ए-मुगाँ
चाट पर किस को लगाते हो ये क्या करते हो
काम क्या दाग़-ए-सुवैदा का हमारे दिल पर
नक़्श-ए-उल्फ़त को मिटाते हो ये क्या करते हो
फिर उसी मुँह पे नज़ाकत का करोगे दावा
ग़ैर के नाज़ उठाते हो ये क्या करते हो
उस सितम-केश के चकमों में न आना ‘बे-ख़ुद’
हाल-ए-दिल किस को सुनाते हो ये क्या करते हो
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