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Monday, December 8, 2014

Zindagi Se Badi Saza-Lyrics & Translation_Ghazal_Jagjit Singh


Lyrics


Zindagi se badi saza hi nahin 
Aur kya jurm hai pata hi nahi 


Itne hisso mein bant gaya hoon main 
Mere hisse mein kuchh bacha hi nahi 


Sach ghate ya badhe to sach na rahe 
Jhoothh ki koi intehaa hi nahi 


Jad do chaandi me chahe sone mein 
Aaina jhooth bolta hi nahi 



ज़िंदगी से बड़ी सज़ा ही नहीं 
और क्या जुर्म है पता ही नहीं 


इतने हिस्सों में बॅट गया हूँ मैं 
मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं 


सच घटे या बढ़े तो सच ना रहे 
झूठ की कोई इंतेहा ही नहीं 


जड़ दो चाँदी में चाहे सोने में 
आइयना झूठ बोलता ही नहीं 



Lyrics: Sabir Dutt 
Music: Talat Aziz 
Singer Jagjit Singh 
Mirage 1995 



Translation


A greater punishment than life I know not. 
And what is the crime, I know not. 


In so many parts divided is my life. 
And which part is mine's, I know not. 


If truth is swelled or cropped, it is no more truth. 
And for lies what are its boundaries, I know not. 


Embed in silver or golden frame. 
When mirror may lie, I know not. 



© Translation in English by Deepankar Choudhury.

Translation.

জীবন থেকে বড় কোনও সাজা নেই। 
আর অপরাধ যে কি, তাও জানা নেই।।  

এতো ভাগে আমায় ভাগ করা হয়েছে- 
আমার নিজের কোনটা, তাও জানা নেই।।  

সত্যকে যদি বাড়ানো হয় বা ছাঁটা হয় তাহলে আর সত্য থাকেনা- 
আর মিথ্যার সীমা কোথায়, তা জানা নেই।। 

রুপো বা সোনা দিয়ে মুড়িয়ে দিতে পারো- 
কিন্তু আয়না কবে মিথ্যা বলবে তা জানা নেই।। 


 © Translation in Bengali by Deepankar Choudhury.

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