Welcome To Anondo Gaan

CONTENTS

Sunday, October 4, 2015

Zakhm Jo Aap Ki Inayat - Lyrics & Translation_Ghazal_Jagjit Singh

Lyrics

Zakhm jo aap ke inayat hai is nishani ko kya naam de hum
Pyar divar ban ke reh gaya hai is kahani ko kya naam de hum

Aap ilzam dhar gaye hum par ek ehsaan kar gaye hum par
Aap ke ye meharabani hai meharabani ko kya naam de hum

Aap ko yun hi zindagi samajha dhup ko hum ne chandani samajha
Bhool hi bhool jis ke aadat hai ik javani ko naam kya de hum

Raat sapna bahar ka dekha din hua to gubar sa dekha
Bevafa waqt bezuban nikala bezubani ko naam kya de hum

ज़ख़्म जो आप की इनायत है इस निशानी को नाम क्या दे हम 
प्यार दीवार बन के रह गया है इस कहानी को नाम क्या दे हम 

आप इल्ज़ाम धर गये हम पर एक एहसान कर गये हम पर 
आप की ये मेहरबानी है मेहरबानी को नाम क्या दे हम 

आपको यूँ ही ज़िन्दगी समझा धूप को हमने चाँदनी समझा 
भूल ही भूल जिस की आदत है इस जवानी को नाम क्या दे हम 

रात सपना बहार का देखा दिन हुआ तो ग़ुबार सा देखा 
बेवफ़ा वक़्त बेज़ुबाँ निकला बेज़ुबानी को नाम क्या दे हम

Lyrics: Sudarshan Faakir
Music: Jagjit Singh
Singer: Jagjit Singh

Translation

The scars of the wounds those are your kindness, what name may I give them?
The love is now appears to be wall, what name to this tale may I give? 

You put a blame on me, you did a favour to me.
To this favour what name may I give?

You! my life, I thought; Scorching sun! Moonlight, I thought.
Mistakes are whose habit, to that youth, what name may I give? 

 I saw dreams of greenery at night, at dawn I saw only dust.
The unfaithful time turned dumb, to this dumbness what name may I give? 

© Translation in English by Deepankar Choudhury.


Translation

খত-যা তুমি দিয়েছো, এক উপকার করেছো, সেই দাগের কি নাম দেবো? 
ভালোবাসা দেয়াল হয়ে থেকে গেলো, এই গল্পের কি নাম দেবো? 

তুমি দোষ দিয়ে চলে গেলে, এক উপকার করে দিয়ে গেলে। 
এ উপকার তোমারি উপহার, এই উপকারের কি নাম দেবো? 

তোমাকেই আমি জীবন ভেবেছিলাম, রোদকে জোছনা ভেবেছিলাম;
ভুল, সব ভুল করাই যার অভ্যাস, সেই যৌবনের কি নাম দেবো? 

রাতে স্বপ্ন দেখলাম শ্যামলের, সকাল হলো তো দেখলাম ধুলো 
বেইমান সময় নিশ্চুপ থাকলো, এই নীরবতার কি নাম দেবো?  

© Translation in Bengali by Deepankar Choudhury

No comments:

Post a Comment