Lyrics
Har ek baat pe kahte ho tum ki tu kyaa hai
Tum hee kaho ki ye andaaz-e-guftagu kyaa hai
Na shole mein ye karishmaa na barq mein ye adaa
Koyi bataao ki vo shokh-tunD-khu kyaa hai
Ye rashk hai ki vo hotaa hai ham-sukhan tum se
Vagarnaa khauf-e-baad-aamoozi-e-adu kyaa hai
Chipak rahaa hai badan par lahu se pairaahan
Hamaare jeb ko ab haajat-e-rafu kyaa hai
Jalaa hai jism jahaan dil bhi jal gayaa hogaa
Khuredte ho jo ab raakh justazuu kyaa hai
Ragon mein daudne phirne ke ham nahin kaayal
Jab aankh se hee na Tapkaa to phir lahu kyaa hai
Vo cheez jis ke liye ham ko ho bihisht azeez
Sivaa-e-baadaa-e-gulfaam-e-mushk-bu kyaa hai
Piyun sharaab agar kham bhi dekh lun do-chaar
Ye sheeshaa-o-kadaa-o-kuzaa-o-subu kyaa hai
Rahi na taaqat-e-guftaar aur agar ho bhee
To kis ummeed se kahiye ki aarzuu kyaa hai
Hua hai Shah ka musahib phire hai itraataa
Vagarnaa shahar mein Ghalib kee aabruu kyaa hai
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है
तुम ही कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है
ना शोले में ये करिश्मा ना बर्क में ये अदा
कोई बताओ कि वो शोख-तुंड-खू क्या है
ये रश्क है कि वो होता है हम-सुखन तुम से
वगरना ख़ौफ़-ए-बद-आमोज़ी-ए-अदू क्या है
चिपक रहा है बदन पर लहू से पैराहन
हमारे जेब को अब हाजत-ए-रफू क्या है
जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा
खुरेद्ते हो जो अब राख जूस्तज़ू क्या है
रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं कायल
जब आँख से ही न टपका तो फिर लहू क्या है
वो चीज़ जिस के लिए हम को हो बिहिश्त अज़ीज़
सिवा-ए-बादा-ए-गुल्फाम-ए-मुष्क-बू क्या है
पियूं शराब अगर खम भी देख लूँ दो-चार
ये शीशा-ओ-कदा-ओ-कूज़ा-ओ-सुबू क्या है
रही ना ताक़त-ए-गुफ़्तार और अगर हो भी
तो किस उम्मीद से कहिए कि आरज़ू क्या है
हुआ है शाह का मुसाहिब फिरे है इतराता
वगरना शहर में ग़ालिब की आबरू क्या है
Lyrics: Mirza Ghalib.
Music: Jagjit Singh.
Singer: Jagjit Singh, Chitra Singh.
Translation
Every now and then you taunt and ask, you're what?
You please tell me this manner of dialogue is what?
Flares of flames don't have the miracle nor the lightning has the style.
Someone please tell me this sharp mischievous attitude is what?
I am envious because he talks to you.
Or else fear of his gossips about me is what?
Sticking to my body is my robe smeared with blood.
Repairing the patches of my pocket now means what?
When the body is burnt the heart must have burnt too.
Furrowing through the ashes you now look for what?
Am not satisfied by its mere flowing through the veins.
If not shed from eyes then blood is what?
What is that for which I should seek paradise.
Merely for rose-colored, musk-flavored wine or what?
If I am to drink then I may inspect a few casks too.
These bottles(of glass), pitchers (of leather), tumblers(earthen) are what?
The power to speak is now no more, and even if it existed.
With what hopes shall I speak out my desires are what?
Has become an associate of the king; struts snobbishly.
Or else in this city status of Ghalib is what?
© Translation in English by Deepankar Choudhury.
Translation
প্রত্যেক কথায় বিদ্রুপ করে জানতে চাও তুই কি?
তুমি না হয় বলে দাও এইরকম করার কারন টা কি?
না আগুনে রয়েছে এতো ভেলকি, না বিদ্যুতে এতো মায়া-
কেউ আমায় দাও বলে এই চঞ্চল চটুলতা কি?
আমার ঈর্ষা হয় যে ওর সাথে তোমার কথা হয়-
আমার বিরুদ্ধে অপপ্রচার ছাড়া ওকে ভয় পাবার আছে কি?
সেঁটে যাচ্ছে শরীরের সাথে রক্তে মাখামাখি জামা আমার-
এখন মিছে পকেট রিপু করে হাসিল হবে কি?
যখন শরীর পুড়ে গেছে, হৃদয়ও পুড়ে থাকবে নিশ্চয়ই-
এখন ছাই খোঁড়া-খুঁড়ি করে তুমি খুঁজছো কি?
ধমনীতে ঘুরে বেড়ানো কক্ষনও যথেষ্ট নয়-
যদি চোখ দিয়ে না ঝরে তাহলে রক্ত কি?
কি কারনে আমি স্বর্গের বাসনা করবো?
শুধু গোলাপ রঙের-কস্তূরী গন্ধের মদিরা আর কি?
মদিরা যদি পান করতেই হয় দেখে নিই আরও পাত্র দু-চার-
কাঁচের গ্লাস, চামড়ার ভিস্তি, মাটির কলস আর কি!
কথা বলার ক্ষমতা এখন আর নেই, আর যদি থাকতও -
কি আশা নিয়ে বলবো যে আমার আশা আসলে কি?
কোনরকম রাজার সঙ্গী হয়ে ফাঁট মেরে ঘুরে বেড়ায়-
তাছাড়া গালিব-এর অন্য পরিচয় আছে কি?
©Translation in Bengali by Deepankar Choudhury.
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