Lyrics
Bahu Manorathe Saaju Abhisare Pehlu Sunil Bes
Kaajra Nayane Saajake Bayane Kusume Sajanun Kes
Sakhi Hum Mohana Abhisari Jau
Bolo Hum Etat Sukh Kahan Paau
Jamunar Paare Gahana Aadhare Ghanar Pavanva Majhe
Piya Se Tha Mor Bedana Patar Mohe Laage Baithe Aache
Sakhi Hum Mohana Abhisari Jau
Bolo Hum Etat Sukh Kaha Paau
Sakhi Chir Abhagini Hum
Baithe Ekakini Pohano Rajani Tobo Nailo Shyaam
Krishna Kaajare Pighala Sajare Nayaner Neer Dhare
E Kathin Patha Brutha Manoratha Biphal AbhiSaare
Sakhi Hum Kabahun Na Abhisari Jau
Dukha Laaj Etat Seh Nahin Paau
Brutha Manoratha Saaju Abhisare Pehlu Sunil Bes
Kaatare Nayane Saagaje Bayane Kusume Sajaanu Kes
Phir Aaju Mohan Abhisari Jaau
Sakhi Bol Etat Dukh Kaha Paau.
बहु मनोरथे साजू अभिसारे पेहेनु सुनील बेस
काजर नयाने सलाज बयाने कुसुमे सजानु केस
सखी हम मोहन अभिसारे जावूँ
बोलो हम एतक सुख काहाँ पावूँ
जमुनार पारे गहन आंधारे घनने पवन माझे
पिया सेठा मोर बेदाना कातर मोहे लागे बेठे आछे
सखी हम मोहन अभिसारे जावूँ
बोलो हम एतक सुख काहाँ पावूँ
सखी चिर-अभागिनी हम
बेठे एकाकिनी पोहानु रजनी तबु ना-आईलो श्याम
सखी चिर-भागिनी हम
कृष्ण कजर पिघल सजज नयानेर नीर धारे
इ-कठिन पथ ब्रिथ मनारथा बिफल अभिसारे
सखी हम कबुहू-ना अभिसारे जावूँ
दुःख ना एतक सह नहीं पावूँ
ब्रिथ मनोरथे साजू अभिसारे पेहेनु सुनील बेस
कातर नयाने सलाज बयाने कुसुमे साजानु केस
फिर आज्यु मोहन अभिसारे जावूँ
सखी बोल एतक दुःख कहाँ पावून
बहु मनोरथे साजू अभिसारे पेहेनु सुनील बेस
काजर नयाने सलाज बयाने कुसुमे सजानु केस
सखी हम मोहन अभिसारे जावूँ
बोलो हम एतक सुख काहाँ पावूँ
जमुनार पारे गहन आंधारे घनने पवन माझे
पिया सेठा मोर बेदाना कातर मोहे लागे बेठे आछे
सखी हम मोहन अभिसारे जावूँ
बोलो हम एतक सुख काहाँ पावूँ
सखी चिर-अभागिनी हम
बेठे एकाकिनी पोहानु रजनी तबु ना-आईलो श्याम
सखी चिर-भागिनी हम
कृष्ण कजर पिघल सजज नयानेर नीर धारे
इ-कठिन पथ ब्रिथ मनारथा बिफल अभिसारे
सखी हम कबुहू-ना अभिसारे जावूँ
दुःख ना एतक सह नहीं पावूँ
ब्रिथ मनोरथे साजू अभिसारे पेहेनु सुनील बेस
कातर नयाने सलाज बयाने कुसुमे साजानु केस
फिर आज्यु मोहन अभिसारे जावूँ
सखी बोल एतक दुःख कहाँ पावून
Music : Shantanu Moitra
Lyrics : Vidyapati
Singers :Subhamita Banerjee
Movie: Memories in March 2011
Translation.
In hopes so high, for a meeting clandestine, I wear a blue dress.
With kohl in each eye, shame in my face, flowers adorn my tresses.
Friend of mine, I go for meeting clandestine,
Tell me fine, where I may find such pleasure pristine.
On banks of river, in darkness utter, where strong winds blow.
Waits my sad lover, waiting for me, his own beau.
Friend of mine, I go for meeting clandestine,
Tell me fine, where I may find such pleasure pristine
Friend of mine, ill-fated eternally I'm.
Alone did I wait, for the whole night, but he didn't come.
The kohl from eyes melted away with tears.
The path so arduous, sullen desires, astray went all affairs.
Friend of mine, ne'er shall I go for meeting clandestine.
So much shame and pain, can't bear sinn fein.
Hopes decilne for meeting clandestine, I wore a blue dress.
With eyes in pain, my face in refine, flowers adorn my tresses.
For meeting I go again.
Friend of mine, where may I find pain so pristine.
© Translation in English by Deepankar Choudhury.
Translation
বহু মনোরথে, আশু অভিসারে, পড়িলাম সুনীল বেশ;
কাজল নয়ানে, সলাজ মুখানে , ফুলেতে সাজাই বেনি -কেশ।
সখি আমি, চলি মোহন আভিসারে
বলো আমি এতো সুখ পাই কোথায়ে রে।
যমুনার পারে, গহন অন্ধকারে, যেথা চঞ্চল বাতাস বহে;
প্রিয় আমার সে, শুধু আমার লাগি, অপেক্ষায়ে বেদনায়ে,
সখি আমি, চলি মোহন আভিসারে
বলো আমি এতো সুখ পাই কোথায়ে রে।
সখি, চির-অভাগিনি আমি;
বসে একাকিনি, পোহাই রজনী, শ্যামের দেখা পাইনি।
কালি চোখ হইতে, প্রসাধন মুখ হইতে, গলে পড়িল নীর ধারে।
এ কঠিন পথ, বৃথা মনোরথ, বিফল অভিসারে।
সখি আমি, আর যাবোনা মোহন অভিসারে;
বলো আমি এতো দুঃখ পাই কোথায়ে রে।
বৃথা মনোরথে, আশু অভিসারে, পড়িলাম সুনীল বেশ;
কাতর নয়ানে, সলাজ মুখানে, ফুলেতে সাজাই বেনি-কেশ।
আমি আবার চলি মোহন অভিসারে;
বলো আমি এতো দুঃখ পাই কোথায়ে রে।
কাজল নয়ানে, সলাজ মুখানে , ফুলেতে সাজাই বেনি -কেশ।
সখি আমি, চলি মোহন আভিসারে
বলো আমি এতো সুখ পাই কোথায়ে রে।
যমুনার পারে, গহন অন্ধকারে, যেথা চঞ্চল বাতাস বহে;
প্রিয় আমার সে, শুধু আমার লাগি, অপেক্ষায়ে বেদনায়ে,
সখি আমি, চলি মোহন আভিসারে
বলো আমি এতো সুখ পাই কোথায়ে রে।
সখি, চির-অভাগিনি আমি;
বসে একাকিনি, পোহাই রজনী, শ্যামের দেখা পাইনি।
কালি চোখ হইতে, প্রসাধন মুখ হইতে, গলে পড়িল নীর ধারে।
এ কঠিন পথ, বৃথা মনোরথ, বিফল অভিসারে।
সখি আমি, আর যাবোনা মোহন অভিসারে;
বলো আমি এতো দুঃখ পাই কোথায়ে রে।
বৃথা মনোরথে, আশু অভিসারে, পড়িলাম সুনীল বেশ;
কাতর নয়ানে, সলাজ মুখানে, ফুলেতে সাজাই বেনি-কেশ।
আমি আবার চলি মোহন অভিসারে;
বলো আমি এতো দুঃখ পাই কোথায়ে রে।
© Translation in Bengali by Deepankar Choudhury.
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