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Wednesday, September 30, 2015

Humko Dushman Kee - Lyrics & Translation_Ghazal_Jagjit Singh

Lyrics

Humko Dushman Kee Nigahon Se Na Dekha Keeje
Pyaar Hi Pyaar Hain Hum Humpe Bharosa Keeje

Chand Yaadon Ke Siwa Haath Na Kuch Aayega
Is Tarah Umr-e-gureza Ka Na Peecha Keeje

Roshni Auron Ke Aangan Mein Gawara Na Sahee
Kam Se Kam Apne Ghar Mein To Ujaala Keeje

Kya Khabr Kab Wo Chale Aayenge Milne Ke Liye
Roz Palkon Pe Nayee Shamme Jalaya Keeje 



हुमको दुश्मन की निगाहों से ना देखा कीजे
प्यार ही प्यार हैं हम हम पे भरोसा कीजे

चन्द यादों के सिवा हाथ ना कुछ आएगा
इस तरह उम्र-ए-गुरेज़ाँ का ना पीछा कीजे

रोशनी औरों के आँगन में गवारा ना सही
कम से कम अपने घर में तो उजाला कीजे

क्या खबर कब वो चले आएँगे मिलने के लिए
रोज़ पलकों पे नयी शम्में जलाया कीजे 


Lyrics: Rais Akhtar
Music: Jagjit Singh.
Singer: Chitra Singh

Translation.

With eyes of a foe view not me please.
I am all love, believe in me please.

Except few memories, you'll not have anything.
This way, the fleeting years, do not stalk please. 

Light in house of others may not be acceptable.
At least light up your own house, please.

Who knows when he'd come to meet me.
Light up your eyelids daily, please. 

© Translation in English by Deepankar Choudhury. 

Translation

শত্রুর দৃষ্টি দিয়ে আমাইয়ে না দেখা করো;
আমি শুধুই ভালোবাসা, আমায়ে বিশ্বাস করো।।

কিছু স্মৃতি ছাড়া হাতে আর কিছুই থাকবেনা;
এইভাবে অপসৃয়মান বছরগুলির না পীছ করো।। 

অপরের বাড়ীর আলো ভালো নাই লাগতে পারে;
অন্ততঃ নিজের বাড়িতে আলো করো।। 

কে জানে উনি কখন চলে আসবেন দেখা করতে;
রোজ পলকের ওপর আলো করো।।  


© Translation in Bengali by Deepankar Choudhury.

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