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Sunday, December 13, 2015

Dost Gamkhvari Mein - Lyrics & Translation - Ghazal - Ghalib


Lyrics



Dost gamkhvari mein meri sai farmavenge kya
Zakhm ke bharne talak nakhun na badh javenge kya

Beniyazi had se guzri banda paravar kab talak
Hum kahenge hal-e-dil aur aap farmavenge kya

Hazrat-e-naseh gar aayen didah-o-dil farsh-e-rah
Koi mujh ko ye to samajha do ki samajhavenge kya

Aaj van teg-o-kafan bandhe hue jata hun main
Uzr mera qatl karne mein wo ab lavenge kya

Gar kiya naseh ne hum ko qaid acha yon sahi
Ye junun-e-ishq ke andaz chhut javenge kya

Khana zad-e-zulf hain zanjir se bhagenge kya
Hain giraftar-e-vafa zindan se ghabravenge kya

Hai ab is mamure mein kahat-e-gam-e-ulfat Asad
Hum ne ye mana ki Dilli mein rahe khavenge kya 


दोस्त ग़मख़्वारी में मेरी, स`ई फ़रमावेंगे क्या
ज़ख़्म के भरने तलक, नाख़ुन न बढ़ जावेंगे क्या

बे-नियाज़ी हद से गुज़री, बंद:-परवर कब तलक
हम कहेंगे हाल-ए-दिल, और आप फ़रमावेंगे क्या

हज़रत-ए-नासेह गर आएँ, दीद:-ओ-दिल फर्श-ए-राह
कोई मुझ को यह तो समझा दो, कि समझावेंगे क्या

आज वाँ तेग़-ओ-कफ़न बाँधे हुए जाता हूं मैं
`उज़्र मेरे क़त्ल करने में वह अब लावेंगे क्या

गर किया नासेह ने हम को क़ैद, अच्छा, यूँ सही
यह जुनून-ए-`इश्क़ के अंदाज़ छुट जावेंगे क्या

ख़ान:-ज़ाद-ए-ज़ुल्फ़ हैं, ज़ंजीर से भागेंगे क्यूँ
हैं गिरफ़्तार-ए-वफ़ा, ज़िन्दाँ से घबरावेंगे क्या

है अब इस मा`मूरे में क़हत-ए ग़म-ए-उल्फ़त, असद
हम ने यह माना, कि दिल्ली में रहें, खावेंगे क्या



Lyrics: Mirza Ghalib
Music: Jagjit Singh
Singer: Jagjit Singh



Translation

My friends when I'm sad, comfort they would offer what?
Till the time my wounds heal, my nails would grow, then what?  

The indifference crossed its limits, O'my lord, for how long!
I went on narrating my state of heart and all you said;"what?"

If the lordship advisor comes, I'd spread my heart and eyes on his path.
But will anyone explain me as he would explain me what? 

I shall go today armed with a sword and my shroud.
For not killing me, an excuse she would offer what?

If the priest imprisons me, well, so be it.
Would my madness for love leave me or what? 

A slave of curls I am, would fear chains, why?
A prisoner of loyalty I am, am afraid of prison, what?

Grief of love is now scarce in this colony so Asad-
Have to stay in Delhi but shall eat what?   


© Translation in English by Deepankar Choudhury.


Translation 

বন্ধুগন দুঃখে আমায় আমায় সান্ত্বনা দেবে কি?
যতক্ষণ ক্ষত ভরবে নখ বড় হয়ে যাবেনা কি? 

উপেক্ষা সব সীমানা ছাড়িয়ে গেছে, হে মালিক
আমি বলি হৃদয়ের কথা আর সে বললো কি?  

উপদেশক মহোদয় যদি আসেন, হৃদয় ও চোখ বিছাবো পথে 
কিন্তু আমায় বোঝাবে কেউ যে উনি বোঝাবেন কি? 

যাবো আমি আজকে তলওয়ার আর কফন বেঁধে   
এখন আমায় না মারার অজুহাত দেখাবে কি? 

যাজক যদি মনে করেন বন্দি করবেন, তাহলে তাই হোক
প্রেমের পাগলামো আমার তাহলে ছুটবে কি? 

কেশের বন্দি আমি, জঞ্জীর দেখে পালাই কি? 
আনুগত্যের গোলাম আমি, কারাগারের ভয় পাই কি? 

এই বস্তিতে প্রণয়ের দুঃখের অকাল পড়েছে তাই কবি বলছেন 
থাকতে হবে দিল্লীতে কিন্তু খাবো কি?   

© Translation in Bengali by Deepankar Choudhury. 

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