Lyrics
Bazeecha-e-atfal hai duniya mere aage,
Hota hai shab-o-roz tamasha mere aage.
Hota hai nihan gard mein sehra mere hote
Ghista hai zabeen khak pe dariya mere aage
Mat pooch ke kya haal hai mera tere peechhe
Too dekh ke kya rang hai tera mere aage
Imaan mujhe roke hai, jo kheenche hai mujhe kufr
Kaba mere peechhe hai kalisa mere aage.
Go hath ko jumbish nahin ankhon men to dum hai,
Rehne do abhi sagar-o-meena mere aage.
बाज़ीचा-ए-अत्फाल है दुनिया मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे
होता है निहां गर्द में सहरा मेरे होते
घिसता है जबीं ख़ाक़ पे दरिया मेरे आगे
मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे पीछे ?
तू देख के क्या रंग तेरा मेरे आगे
इमां मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ्र
क़ाबा मेरे पीछे है कलीसा मेरे आगे
गो हाथ को जुम्बिश नहीं आहों में तो दम है
रहने दो अभी साग़र-ओ-मीना मेरे आगे
Hota hai shab-o-roz tamasha mere aage.
Hota hai nihan gard mein sehra mere hote
Ghista hai zabeen khak pe dariya mere aage
Mat pooch ke kya haal hai mera tere peechhe
Too dekh ke kya rang hai tera mere aage
Imaan mujhe roke hai, jo kheenche hai mujhe kufr
Kaba mere peechhe hai kalisa mere aage.
Go hath ko jumbish nahin ankhon men to dum hai,
Rehne do abhi sagar-o-meena mere aage.
बाज़ीचा-ए-अत्फाल है दुनिया मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे
होता है निहां गर्द में सहरा मेरे होते
घिसता है जबीं ख़ाक़ पे दरिया मेरे आगे
मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे पीछे ?
तू देख के क्या रंग तेरा मेरे आगे
इमां मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ्र
क़ाबा मेरे पीछे है कलीसा मेरे आगे
गो हाथ को जुम्बिश नहीं आहों में तो दम है
रहने दो अभी साग़र-ओ-मीना मेरे आगे
Lyrics: Mirza Ghalib .
Translation
The world is but a playground before me.
Everyday the same games are played before me.
The desert disappears as dust before me.
The rivers rub on forehead the ashes before me.
Do not ask how am I when your face is away from me.
You see what my colors are when you are before me.
My faith is holding me back as I wish to turn away.
My faith is behind me and my god is before me.
My hands may shake but my eyes still can see.
Let the glasses of liquors remain before me.
Everyday the same games are played before me.
The desert disappears as dust before me.
The rivers rub on forehead the ashes before me.
Do not ask how am I when your face is away from me.
You see what my colors are when you are before me.
My faith is holding me back as I wish to turn away.
My faith is behind me and my god is before me.
My hands may shake but my eyes still can see.
Let the glasses of liquors remain before me.
© Translation in English by Deepankar Choudhury.
আমি এই দুনিয়াটাকে স্রেফ একটা খেলাঘর ভাবি।
যেখানে একই খেলা দেখানো হয়ে বারে বারে আমার সামনে।।
আমি মরুভূমি কে স্রেফ একটা ধুলাস্তূপ ভাবি।
ছাইভস্ম কপালে মাখে রোজ নদী আমার সামনে।।
জানতে চেয়োনা আমার মনের অবস্থা তোমার পেছনে।
তুমি দেখো তোমার রঙ্গ আমার সামনে।।
আমার ধর্ম আমাকে পিছিয়ে যেতে বাধা দেয়।
আমার ধর্ম আমার পেছনে আর ঈশর আমার সামনে।।
আমার হাত হয়তো কাঁপছে তবুও আমার দৃষ্টি ঠিকই আছে।
থাক আরও কিছুক্ষণ সুরাপাত্র আমার সামনে।।
© Translation in Bengali by Deepankar Choudhury
The full lyrics are as under.
बाज़ीचा-ए-अत्फाल है दुनिया मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे
इक खेल है औरंग-ए-सुलेमां मेरे नज़दीक
इक बात है एजाज़-ए-मसीहा मेरे आगे
जुज़ नाम नहीं सूरत-ए-आलम मुझे मंज़ूर
जुज़ वहाँ नहीं हस्ती-ए-आशिया मेरे आगे
होता है निहां गर्द में सहरा मेरे होते
घिसता है जबीं ख़ाक़ पे दरिया मेरे आगे
मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे पीछे ?
तू देख के क्या रंग तेरा मेरे आगे
सच कहते हो, ख़ुदबीं-ओ-ख़ुद-आरा ना क्यों हूं ?
बैठा है बुत-ए-आईना-सीमा मेरे आगे
फिर देखिए अंदाज़-ए-गुल-अफ्शानी-ए-गुफ़्तार
रख दे कोई पैमाना-ओ-सहबा मेरे आगे
नफ़रत का गुमां गुज़रे है, मैं रश्क से गुज़रा
क्यों कर कहूँ, लो नाम ना उसका मेरे आगे
इमां मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ्र
क़ाबा मेरे पीछे है कलीसा मेरे आगे
आशिक़ हँ, पे माशूक़-फरेबी है मेरा काम
मजनूं को बुरा कहती है लैला मेरे आगे
ख़ुश होते हैं पर वस्ल में यों मर नहीं जाते
आई शब-ए-हिजरां की तमन्ना मेरे आगे
है मौज-ज़ां इक क़ुलज़ूम-ए-ख़ूं, काश, यही हो
आता है अभी देखिए क्या-क्या मेरे आगे
गो हाथ को जुम्बिश नहीं आहों में तो दम है
रहने दो अभी साग़र-ओ-मीना मेरे आगे
हम-पेशा-ओ-हम-मशर्ब-ओ-हम-राज़ है मेरा
ग़ालिब को बुरा क्यों कहो अच्छा मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे
इक खेल है औरंग-ए-सुलेमां मेरे नज़दीक
इक बात है एजाज़-ए-मसीहा मेरे आगे
जुज़ नाम नहीं सूरत-ए-आलम मुझे मंज़ूर
जुज़ वहाँ नहीं हस्ती-ए-आशिया मेरे आगे
होता है निहां गर्द में सहरा मेरे होते
घिसता है जबीं ख़ाक़ पे दरिया मेरे आगे
मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे पीछे ?
तू देख के क्या रंग तेरा मेरे आगे
सच कहते हो, ख़ुदबीं-ओ-ख़ुद-आरा ना क्यों हूं ?
बैठा है बुत-ए-आईना-सीमा मेरे आगे
फिर देखिए अंदाज़-ए-गुल-अफ्शानी-ए-गुफ़्तार
रख दे कोई पैमाना-ओ-सहबा मेरे आगे
नफ़रत का गुमां गुज़रे है, मैं रश्क से गुज़रा
क्यों कर कहूँ, लो नाम ना उसका मेरे आगे
इमां मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ्र
क़ाबा मेरे पीछे है कलीसा मेरे आगे
आशिक़ हँ, पे माशूक़-फरेबी है मेरा काम
मजनूं को बुरा कहती है लैला मेरे आगे
ख़ुश होते हैं पर वस्ल में यों मर नहीं जाते
आई शब-ए-हिजरां की तमन्ना मेरे आगे
है मौज-ज़ां इक क़ुलज़ूम-ए-ख़ूं, काश, यही हो
आता है अभी देखिए क्या-क्या मेरे आगे
गो हाथ को जुम्बिश नहीं आहों में तो दम है
रहने दो अभी साग़र-ओ-मीना मेरे आगे
हम-पेशा-ओ-हम-मशर्ब-ओ-हम-राज़ है मेरा
ग़ालिब को बुरा क्यों कहो अच्छा मेरे आगे
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